हाइकु दर्पण के इस अंक में पद्मश्री गोपालदास नीरज की हाइकु कविताओं को प्रकाशित किया जा रहा है।
हाइकु कविताएँ - पद्मश्री गोपालदास नीरज
किससे कहें
सबके सब दुख
खुद ही सहें ।
सबके सब दुख
खुद ही सहें ।
-गोपाल दास नीरज
पुस्तक समीक्षा के अन्तर्गत- डा० सुधा गुप्ता का हाइकु संग्रह - चुलबुली रात ने
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