Sunday, July 30, 2023

पारस दासोत

गाँव ने रचीं
खेतों में कविताएँ
लहलहातीं

  -पारस दासोत
(आ चलें गाँव, हा.सं. से साभार)


गाँव का हुक्का
है कमाल की बात
रिश्ते की गाँठ

पारस दासोत
(आ चलें गाँव, हा.सं. से साभार)

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