Tuesday, February 23, 2010

हाइकु-2009

'हाइकु-१९८९' और 'हाइकु-१९९९' के बाद हाइकु का तीसरा ऐतिहासिक संकलन "हाइकु-२००९" का लोकार्पण इनमेनटेक संस्था के सभागार में गीताभ संस्था के वार्षिक समारोह में हुआ। समारोह की अध्यक्षता हिन्दी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार डा० शेरजंग गर्ग ने की, मुख्य अतिथि थे प्रसिद्ध नवगीतकार यश मालवीय, विशिष्ट अतिथि सुप्रसिद्ध साहित्यकार डा० वेदप्रकाश अमिताभ थे।


"हाइकु-२००९" में पद्मश्री डा० गोपालदास नीरज(०४ जनवरी १९२५) से लेकर नवल किशोर बहुगुणा (०४ जुलाई १९८२) तक जन्मतिथि के वरिष्ठता क्रम में ६० हाइकुकारों की ७ - ७ (कुल ४२०) हाइकु कविताओं को प्रकाशित किया गया है। इस संकलन में सम्मिलित कोई भी हाइकुकार इससे पूर्व के संकलनों हाइकु १९८९ तथा हाइकु १९९९ में सम्मिलित नहीं हैं। (हाइकु-१९८९) में ३० हाइकुकार थे और (हाइकु-१९९९) में ४० हाइकुकार सम्मिलित किए गए थे तथा (हाइकु-२००९) में ६० हाइकुकार उपस्थित हैं।   पाँच प्रवासी भारतीय भी संकलन में शामिल हैं।

हाइकु-2009 के हाइकुकार-

  1. डा० गोपालदास नीरज (अलीगढ़),
  2. महेशचन्द्र सोती (दिल्ली),
  3. डा० शिव बहादुर सिंह भदौरिया (रायबरेली),
  4. ललित मावर (इन्दौर),
  5. डा० मधु भारतीय (गाजियाबाद),
  6. ओमप्रकाश चतुर्वेदी पराग (गाजियाबाद),
  7. शयाम खरे (इन्दौर),
  8. डा०महावीर सिंह (रायबरेली),
  9. भगवत भट्ट (ग्वालियर),
  10. बी०एल०गौड़ (गाजियाबाद),
  11. भास्कर तैलंग (होशंगाबाद),
  12. डा० बलदेव वंशी (दिल्ली),
  13. सूर्यभानु गुप्त (मुम्बई),
  14. श्रीकृष्ण कुमार त्रिवेदी (फतेहपुर),
  15. डा० कुँअर बेचैन (गाजियाबाद),
  16. कृष्ण शलभ (सहारनपुर),
  17. राजेन्द्र मोहन त्रिवेदी बन्धु (रायबरेली),
  18. वृन्दावन वर्मा (रायबरेली),
  19. डा० मीना अग्रवाल (बिजनौर),
  20. सदाशिव कौतुक (इन्दौर),
  21. डा० सुरेन्द्र सिंगल (सहारनपुर),
  22. डा० उर्मिला अग्रवाल (मेरठ),
  23. आर०पी० शुक्ल (लखनऊ),
  24. राकेश मेहरोत्रा (गुड़गाँव),
  25. ज्ञानेन्द्रपति (वाराणसी),
  26. सन्तोष कुमार सिंह (मथुरा),
  27. धनंजय मिश्र (बाँका, बिहार),
  28. डा० राजकुमारी शर्मा राज (गाजियाबाद),
  29. डा० राजकुमारी पाठक (मथुरा),
  30. डा० रामनिवास मानव (हिसार),
  31. गिरिश पाण्डे (लखनऊ),
  32. लक्ष्मीशंकर वाजपेयी (दिल्ली),
  33. राजेन्द्र वर्मा (लखनऊ),
  34. पूर्णिमा वर्मन (शारजअह, यू०ए०ई०),
  35. रमेश चन्द्र श्रीवास्तव (मऊ),
  36. सुरेश उजाला (लखनऊ),
  37. प्रदीप गर्ग पराग (फरीदाबाद),
  38. डा० वीरेन्द्र आजम (सहारनपुर),
  39. जय चक्रवर्ती (रायबरेली),
  40. रजनी भार्गव (न्यू जर्सी, संयुक्त राज्य अमरीका),
  41. पवन कुमार जैन (रायबरेली),
  42. ओमप्रकाश यती (ग्रेटर नोएडा),
  43. सितांशु कुमार (लखनऊ),
  44. बद्री प्रसाद पुरोहित (महासमुन्द, छत्तीसगढ़),
  45. सुजाता शिवेन (दिल्ली),
  46. अरविन्द चौहान (बड़ौदा),
  47. डा० सरिता शर्मा (इन्दिरापरम, गाजियाबाद),
  48. रमाकान्त (रायबरेली),
  49. त्रिलोक सिंह ठकुरेला (आबूरोड, राजस्थान),
  50. रमेश कुमार सोनी (महासमुन्द, छत्तीसगढ़),
  51. मीनाक्षी जिजीविषा (फरीदाबाद),
  52. डा० अंजु सुमन (गाजियाबाद),
  53. अंशु सिंह (दिल्ली),
  54. पवन कुमार (मैनपुरी),
  55. डा० भावना कुँअर (आस्ट्रेलिया),
  56. अर्बुदा ओहरी (बहरीन, यू०ए०ई०),
  57. प्रदीप कुमार दाश दीपक (साँकरा, रायगढ़, छ०ग०),
  58. स्वाती भलोटिया (दुबई, यू०ए०ई०),
  59. ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि (सुलतानपुर),
  60. नवल किशोर बहुगुणा (देहरादून),

 कुछ चुने हुए हाइकु हाइकु २००९ से-

जन्म मरण
समय की गति के
हैं दो चरण।
-गोपालदास नीरज

वंश जो फैला
हो गए पराए से
माता व पिता।
-महेशचन्द्र सोती

सूखा पत्ता भी
छोड़ना नहीं चाहे
खजूर देह।
-डा शिवबहादुर सिंह भदौरिया

किस दर्जी ने
सिला नीला घाघरा
सितारे टाँक।
-भास्कर तैलंग

घाटी की गूँज
दिशा दिशा घूम के
थकी लौटी।
-डा० बल्देव वंशी

जीने न देते
दण्डकारण्य में भी
सोने के मृग।
-श्रीकष्णकुमार त्रिवेदी

जल चढ़ाया
तो सूर्य ने लौटाए
घने बादल।
-डा० कुँअर बेचैन

पुकारा तुम्हें
सिर्फ आवाज लौटी
तुम न आए।
-कृष्ण शलभ

अँधेरी रात
तारे कीलें ठोंकते
उजियारे की।
-सदाशिव कौतुक


कोमा में गया
फिर जगा ही नहीं
मेरा जमीर।
-आर०पी०शुक्ल

टेबुल पर
पड़ी खुली किताब
पढ़ती हवा।
-ज्ञानेन्द्रपति


तितली व्यस्त
बदल नहीं पाई
होली के वस्त्र।
-सन्तोष कुमार सिंह

कोई सामान
बढ़ा जब घर में
हम सिमटे।
-गिरीश पाण्डे

की बगावत
नींव के पत्थरों ने
ढहे महल।
-लक्ष्मीशंकर वाजपेयी


गर्म हवाएँ
खुली सड़क पर
बीन बजाएँ।
-पूर्णिमा वर्मन

बूँदें ओस की
नहीं मरीं षूप से
वक्त से मरीं।
-डा० वीरेन्द्र आजम

गरजे मेघ
कानाफूसी करते
ऊँचे शीशम।
-रजनी भार्गव

सुबह हुई
उड़ चली नभ में
सिन्दूरी रुई।
-सितांशु कुमार

वही है बुद्ध
जीत लिया जिसने
जीवन-युद्ध ।
-त्रिलोक सिंह ठकुरेला

आँसू पोंछने
तैयार मिले लोग
निज शर्तों पर।
-सुजाता शिवेन



देखो तो सही
पत्तों का गिरना
पेड़ का जीना।
-रमाकान्त

उग आई है
रिश्तों में नागफनी
गाँव शहर।
-रमेशकुमार सोनी

बँधेगा जब
कुहरा गठरी में
हँसेगी धूप।
-डा० अंजू सुमन

कैद करती
इन्द्रधनुषी रंग
हठीली ओस।
-अंशु सिंह

दुल्हन झील
तारों की चूनर से
घूँघट काढ़े।
-डा० भावना कुँअर

रूई के फाहे
बादलों पर छाए
वृक्ष नहाए।
-अर्बुदा ओहरी

निर्झर धारा
काई का उबटन
प्रकृति वधू।
-स्वाती भालोटिया

डिम्ब फोड़ के
गहन तिमिर का
चहकी भोर।
-नवल किशोर बहुगुणा

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